*मसलिया के बागदुमी गांव में जलमीनार बंद, विभागीय उदासीनता से पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीण*
*ग्रामीणों ने लगाया निर्माण कार्य में घटित सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप*
*मसलिया(दुमका)*
मसलिया प्रखंड के नायडीह पंचायत अंतर्गत बागदुमी गांव में पिछले कई महीनों से जलमीनार बंद रहने के कारण ग्रामीण गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। गांव की जलसहिया हेमंती देवी ने बताया कि जलमीनार निर्माण कार्य के दौरान संवेदक ने न तो स्थान चयन में परामर्श लिया और न ही गुणवत्ता पर ध्यान दिया। काम स्थानीय मिस्त्री को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिया गया, जबकि विभागीय कनीय अभियंता ने अब तक एक बार भी स्थल निरीक्षण नहीं किया।
ग्रामीणों ने बताया कि जलमीनार का फर्श धंस गया है और नीचे का हिस्सा धीरे-धीरे खुलता जा रहा है। दरवाजा, खिड़की और रंग-रोगन भी अधूरा छोड़ दिया गया है। वहीं गांव के ऊपरी हिस्से, विशेषकर खगेश सिंह के घर तक पाइपलाइन नहीं बिछाई गई। पूरे योजना का लाभ किसी को नहीं मिल पाया है, जबकि संबंधित राशि खर्च दिखा दी गई है। ग्रामीण टिंकू कुमार सिंह, खगेश कुमार सिंह, सीताराम सिंह, कामदेव राय, दीनदयाल राय, मुन्नी देवी, केदार सिंह और कंचन देवी ने बताया कि वर्ष 2023 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा रामधारी राय के घर के सामने सिमेंटेड जलमीनार स्थापित किया गया था। यह जलमीनार लगभग 25 परिवारों के 41 घरों तक पाइपलाइन से जुड़ा है, लेकिन लंबे समय से नलों में पानी नहीं आ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि कई बार विभाग को लिखित आवेदन दिया गया, परंतु केवल औपचारिकता निभाते हुए कुछ घंटों के लिए जलापूर्ति की गई और फिर जलमीनार दोबारा बंद हो गई। वर्तमान में धान कटनी का समय होने के कारण ग्रामीणों को सुबह-सुबह भोजन बनाने और पशुओं को पानी पिलाने के लिए भी दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है। इस संबंध में पीएचईडी विभाग के कनीय अभियंता मुकुल कुमार ने बताया कि बागदुमी गांव में किया गया बोरिंग धंस जाने के कारण जलमीनार बंद है। उन्होंने कहा कि नया बोरिंग कराकर जल्द ही जलमीनार को पुनः चालू कर दिया जाएगा।



