*संताल हूल के नायक सिद्धो- कान्हु के सर्वमान्य प्रतिमा के लिए आयोग का गठन करें राज्य सरकार- काली दास मुर्मू*
*दुमका*
*ब्यूरो रिपोर्ट*
30 जून 2024 को संताल हूल का 169 वां वर्ष गांठ मनाया जाएगा। इस अवसर राज्य सरकार के द्वारा सिद्धो-कान्हु के पैतृक गांव भोगनाडीह में भव्य समारोह आयोजित कर इन वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया जायेगा।
उक्त बातें संथाली भाषा के स्कॉलर काली दास मुर्मू ने कही। उन्होंने हूल दिवस पर विस्तार से बात करते हैं कहा कि हूल दिवस के अवसर पर भोगनाडीह में सुबे के मुख्यमंत्री सहित राज्य के आला अधिकारियों का जुटान होगा। आमतौर पर देखा गया है कि इस मंच से अनेक सरकारी योजनाओं की घोषणा भी की जाती रही है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों से पदयात्रा कार्यक्रम करते हुए पदयात्री भोगनाडीह को पहुंचते हैं।
जल, जंगल जमीन एवं संताल अस्मिता के रक्षार्थ अंग्रेजों से लोहा लेने वाले इन वीर योद्धा की सरकारी संस्थानों, कार्यालयों, भवनों, विश्वविद्यालयों, विद्यालयों के अलावे देश एवं विदेशों में अनेक आदमकद प्रतिमाएं स्थापित की गई है। काली दास मुर्मू ने कहा कि महापुरुषों की इन प्रतिमाओं में समरुपता का अभाव स्पष्ट रुप देखा जा सकता है।
झारखंड राज्य बने हुए 23 वर्ष बीते गए। सरकार ने हूल नायकों के विशाल कर्म काण्ड पर शोध कार्य पहल करने की आवश्यकता नहीं समझी। उन्होंने कहा कि विगत दिनों दुमका रानीश्वर के खोजी-पत्रकार गौतम चटर्जी के प्रयास से संताल हुल के दौरान अंग्रेज़ों द्वारा नरसंहार किए गए स्थल का चिह्नित किया गया,जिसे तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ल के द्वारा संरक्षित किया गया।
यह स्थल वतर्मान में रानीश्वर प्रखंड के दिगुली में संताल काटा पोखर के नाम जीवित है,जिसे इतिहास के पन्नों जगह देने की आवश्यकता है। न जाने ऐसे हुल के अनगिनत साक्ष्य हमारे आसपास दफन हुए हैं, जिन्हें शोध के द्वारा उजागर कर इतिहास में उचित स्थान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से विनम्र आग्रह करते हैं कि आगामी 30 जून को भोगनाडीह से इन वीर योद्धा के शोध कार्य के लिए आयोग की घोषणा करें। यह संताल हूल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।