*रानीश्वर प्रखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता से संवेदक की मनमानी चरम पर – विमान सिंह*
*पीएचडी दुमका के अधिकारियों व संवेदक पर लगाया कार्य में अनियमितता बरतने का आरोप*
*कहा- प्रखंड क्षेत्र में निर्मित ज्यादातर जलमीनार खराब, लोगों के सामने पेयजल संकट*
*रानीश्वर(दुमका)*
*ब्यूरो रिपोर्ट*
जिप सदस्य विमान सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि रानीश्वर प्रखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता से संवेदक की मनमानी चरम पर है। रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा बनाए गए ज्यादातर जलमीनार खराब पड़े है। इस क्षेत्र में संवेदकों द्वारा जो भी जलमीनार बनाया जाता है, उसको ऐसे ही रामभरोसे छोड़ दिया जाता है|
उन्होंने कहा कि विभागीय प्रावधानों के अनुसार जलमीनार के निर्माण के पश्चात संवेदक को अगले 5 साल तक जलमीनार का रख रखाव का भी भुगतान किया जाता है जो विभागीय अधिकारियों की मिली-भगत से संवेदक हड़प जाता है। जलमीनार के खराब होने की सूचना के बाद भी ना तो संवेदक और ना ही विभाग के अधिकारी मामले का संज्ञान लेते है, अगर पहुंच भी जाते है तो मोटर उठाकर ठीक करेंगे बोलकर चल जाते हैं| उसके बाद लोग सालों तक नहीं आते है और इसी तरह 5 साल पार कर देते है।
उन्होंने बताया कि रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र के कुमीरदहा पंचायत के रंगामटिया, शादीपुर पंचायत के निंबोनी एवं बांसकुली पंचायत के सिजुआ गांव से तकरीबन देढ़ साल पहले संवेदक पम्प उठाकर ले गया है, जो अभी तक नहीं लगाया गया। पम्प सेट उसके पास ही रखा हुआ है| पूछने पर बताता है कि टाइम पार हो गया है। उन्होंने पूछा कि अगर टाइम पास हो गया है तो सरकार के द्वारा क्या ठेकेदार को पम्प उठाकर ले जाने की इजाजत दी गई है, अगर नहीं दी गई है तो संवेदक पर FIR होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नल जल योजना द्वारा निर्मित योजना से घर-घर पानी पहुंचाना है लेकिन संवेदक की मनमानी से टंकी बनाकर छोड़ दिया जाता है, फिर भी भुगतान हो जाता है| बांसकुली पंचायत के सिजुआ आदिवासी टोला में नल जल योजना के तहत बनी टंकी से एक के भी घर में कनेक्शन नहीं दिया गया है और वह कार्य पूर्ण हो गया है,जो जांच का विषय है। बहरहाल यह तो जांच का विषय है परन्तु जिला प्रशासन द्वारा लगातार दिए जा रहे निर्देश के बावजूद पेयजल समस्या का समाधान नहीं करना संवेदक व विभाग की लापरवाही दर्शाता है| बताते चलें कि उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त द्वारा गर्मी के मौसम को देखते हुए 15वीं वित्त आयोग से खराब जलस्रोतों की मरम्मती का निर्देश दिया गया है, इन लोगों द्वारा जिला प्रशासन के आदेश की भी अवहेलना की जा रही है|


