*नोनीहाट से हंसडीहा तक क्षतिग्रस्त स्पीड ब्रेकर व डिवाइडर दे रहे दुर्घटनाओं को निमंत्रण*
*नोनीहाट(दुमका)*
*नोनीहाट संवाददाता*
सड़कों पर बने डिवाइडर व स्पीड ब्रेकर सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। ये वाहनों की गति नियंत्रित करने और यातायात को व्यवस्थित करने में सहायक होते हैं। लेकिन, जब ये डिवाइडर और स्पीड ब्रेकर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो ये न केवल अपनी उपयोगिता खो देते हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। दुमका जिले के दुमका हंसडीहा मुख्य मार्ग पर नोनीहाट से हंसडीहा तक क्षतिग्रस्त डिवाइडर बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो चुके है|
नोनीहाट के होंडा शोरूम, रानी सोनावती प्लस टू हाई स्कूल, मुरको पुल, खसिया बजरंग बली मंदिर, धावाटांड, तथा हंसडीहा के समीप बने सभी स्पीड ब्रेकर क्षतिग्रस्त अवस्था मे पड़े हुए हैं। जिस कारन आय दिन सड़क दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बड़े वाहन जैसे कि ट्रक व बस जब सड़क पर चलते हैं तो अपने वाहन को धीमा करने से बचने के लिए चालक इन्ही क्षतिग्रस्त जगहो से अपने वाहन को निकालते हैं। जिससे सामने से आ रहे छोटे वाहन या फिर मोटरसाइकिल सवार लोगों के जान को हमेशा खतरा रहता है।
नोनीहाट में ही जगह-जगह पर सड़क दुर्घटनाओं के वजह से सड़क किनारे बने डिवाइडर भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं लेकिन फिर भी इन सबकी मरम्मत का कार्य नहीं हो रहा है। इस स्थिति को और गंभीर बनाता हैं सड़क पर चल रहे बिना नंबर प्लेट या रिफ्लेक्टर वाले ट्रक, जिन्हें कई बार नाबालिग लड़के या फिर नशे में धुत खासकर देशी शराब पिए हुए चालक चलाते हैं। अमरपुर, बैसा, नोनीहाट जैसे इलाकों में खुलेआम दिन के उजाले में ही सड़क किनारे बिक रहे देसी शराब इस समस्या को और ज्यादा हवा दे रहे है। और जो कसर बाकी रह जाती है वो पूरा करती है।
नोनीहाट में सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइटें जो कि बंद पड़ी हुई हैं। कहते हैं, रोशनी प्रगति का प्रतीक है, लेकिन नोनीहाट की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स तो जैसे अंधेरे का मज़ाक उड़ा रही हैं! दिन ढलते ही ये खंभे सजावटी मूर्तियों में तब्दील हो जाते हैं, न रोशनी, न कोई उम्मीद। सड़क पर चलते हुए लगता है, जैसे प्रशासन ने आम लोगों को अंधेरे में भटकने की सजा सुनाई हो। पैदल यात्री ठोकर खाएं, बाइक सवार लुढ़कें, और अपराधी मौज करें। ये स्ट्रीट लाइट्स सब चुपचाप देखती हैं, बिना एक किरण बिखेरे। क्या खूब तमाशा है।
शहर चांद की रोशनी में नहाए, और स्ट्रीट लाइट्स खामोश तमाशबीन बनी रहें। शायद इन स्ट्रीट लाइट्स को भी लगता होगा कि, अंधेरा ही अब हमारा असली मेहमान है। काश, कोई इन खराब लाइट्स को जगाए, वरना सड़कें तो यूँ ही अंधेरे की कहानियां सुनाती रहेंगी। इस समस्या का समाधान तभी संभव है, जब प्रशासन और संबंधित विभाग सक्रियता दिखाएं।
सड़कें विकास की धमनियां हैं, और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। क्षतिग्रस्त डिवाइडर और स्पीड ब्रेकर और खराब पड़े स्ट्रीट लाइट न केवल यातायात को बाधित करते हैं, बल्कि अनमोल जिंदगियों को भी खतरे में डालते हैं। समय रहते इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि सड़कें सुरक्षित यात्रा का प्रतीक बनें, न कि दुर्घटनाओं का कारण।

Author: Em Tv Live



