*जामा विधानसभा सीट के लिए झामुमो और भाजपा नेताओं में टिकट के लिए मची होड़*
*क्या झामुमो के गढ़ को बचा पाएंगे सीएम हेमंत सोरेन या झामुमो छोड़ भाजपा में आयी सोरेन परिवार की बहू सीता सोरेन खिलाएंगी कमल*
*जामा(दुमका)*
*जामा ब्यूरो की रिपोर्ट*
झारखंड और महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के लिए कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है, इसकी आहट भी सुनाई देने लगी है| उम्मीद जताई जा रही है कि दुर्गा पूजा के बाद किसी भी दिन चुनाव आयोग चुनाव तारीखों का एलान कर सकता है| जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है जामा विधान सभा सीट पर अपनी जगह पक्की करने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं में होड़ सी मच गई है। बीते लोकसभा चुनाव में सोरेन परिवार की बहू और स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन के झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल होने और लोकसभा चुनाव लड़ने से चुनावी समीकरण बदल गए है। जामा विधानसभा सीट पर जेएमएम से किसे उम्मीदवार बनाया जायेगा यह बड़ा और सबसे अहम सवाल है| विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अंदर खाने कई उम्मीदवार अपनी दावेदारी मजबूत बनाने में जुट गए है। इस कड़ी में पुराने कार्यकर्त्ता जिला सचिव शिबा बास्की और जामा प्रखंड अध्यक्ष कालेश्वर सोरेन का नाम सबसे ऊपर है|
झामुमो का गढ़ माना जाने वाले जामा विधान सभा सीट पर सोरेन परिवार अपने घर से उम्मीदवार घोषित करता है या लीक से हटकर किसी पुराने कार्यकर्त्ता को चुनाव मैदान में उतारता है यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल भावी प्रत्याशी को लेकर कई तरह की अटकले लगाई जा रही है। क्षेत्र में सबसे अधिक चर्चा राष्ट्रीय पार्टी भाजपा में संभावित उम्मीदवार को लेकर हो रही है। हालंकि विधान सभा चुनाव में उम्मीदवार हेतु की गई रायशुमारी बैठक में पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आयी और जिला कमेटी को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है| ऐसे में पार्टी किस प्रकार से चुनौतियों का सामना करती है और उम्मीदवारी तय करती है यह आने वाला समय तय करेगा।
लेकिन जेएमएम छोड़ पिता स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की विरासत बचाने भाजपा में शामिल हुई सीता सोरेन की पुत्री जयश्री सोरेन भी अपनी दावेदारी मजबूत मान रही है| हालांकि जामा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े बेलकूपी के सुरेश मुर्म को पार्टी दो बार चुनाव मैदान में उतार चुकी है, जिसमें वे सीता सोरेन से बहुत कम अंतराल से हारे थे| सुरेश मुर्मू तीसरी बार भी अपनी दावेदारी पेश कर चुके है, लेकिन इस बार की पृष्टभूमि अलग तरह की है। सीता सोरेन अपनी बेटी जयश्री सोरेन को राजनीति में लाने और बेटी का भविष्य सुरक्षित करने की उम्मीद पर अपने परिवार को छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं| वे शीर्ष नेतृत्व के भरोसे जामा विधान सभा सीट से बेटी जयश्री को उम्मीदवार बनाना चाहती है। जयश्री भी राजनीतिक गलियारे में सक्रियता दिखाती नजर आ रही है| जयश्री लगातार जामा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों से सम्पर्क स्थापित कर रही है|
वहीं जामा से भाजपा के कई सक्रिय कार्यकर्त्ता राजू पुजहर और रामगढ़ एसटी मोर्चा के रमेश हेंब्रम व बिमल मरांडी भी टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं और सक्रिय नजर आ रहे हैं। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि पूर्व लोकसभा सांसद सुनील सोरेन अपनी राजनीतिक विरासत बचाने के लिए जामा विधान सभा सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभावना जताई जा रही है कि पार्टी जामा विधान सभा क्षेत्र से सुनिल सोरेन को चुनाव लड़ा सकती है।सुनील सोरेन का कहना है कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोशा है। राजनितिक सूत्रों से भी संकेत मिल रहे हैं कि डॉ लुईस मरांडी को दुमका सीट से बरकरार रखा जा सकता है और बदलती परिस्थिति में भाजपा सुनील सोरेन को जामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा सकती है। लेकिन राजनीति में कब क्या समीकरण बनते है यह भविष्य में पता चलेगा|
फिलहाल अभी संभावना को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। नेता भी अपनी दावेदारी पक्की करने में रांची और दिल्ली का चक्कर लगाने में जुटे हैं, आने वाले समय में तस्वीर साफ हो जाएगी।
इधर कांग्रेस पार्टी में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है| इंडिया गठबंधन के तहत जामा विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने की कवायद भी हो रही है। पार्टी संताल परगना में आठ सीटों पर दावेदारी पेश करने की बात कर रही है। जामा विधान सभा सीट पर कांग्रेस नेता संजय बेसरा, डॉ सुशील मरांडी और प्रखंड अध्यक्ष बिमल बेसरा व रमेश मुर्मू अपनी दावेदारी पेश कर चुके है।

Author: Em Tv Live



