*कोयला हाईवा के परिचालन से उड़ रहे धूलकणों के कारण मध्य विद्यालय छतरचुआं में पठन- पाठन प्रभावित*
*गोपीकांदर(दुमका)*
मध्य विद्यालय छतरचुआं के बच्चों को कोयला हाईवा के परिचालन से उड़ रहे धूलकणों के कारण पठन- पाठन में भारी कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। विद्यालय भवन गोबिंदपुर-साहेबगंज स्टेट हाईवे किनारे पर है, जिससे कोयला लदे हाईवा वाहन के आवागमन से उड़ने वाले धूल कण सीधे विद्यालय में घुस जाते है। बताते चलें कि हाल में ही विद्यालय भवन के सामने दुर्घटना को कम करने के लिए थाना प्रशासन के द्वारा गतिरोधक ब्रेकर बनाया गया है। जिस कारण कोयला लोड हाईवा से धूलकण काफी मात्रा में हवा में उड़ते है और विद्यालय भवन में सीधे घुस जाते है। इसको लेकर स्कूली बच्चों एवं शिक्षको की परेशानी बढ़ गई है।
स्कूल के बैंच एवं फर्श पर कोयला के धूलकण की परत काफी मात्रा में जम जाती है। जिससे वहां पर पठान- पठन में भारी समस्या हो रही है। इस समस्या को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह सचिव कारमेला हेंब्रम ने बताया कि विद्यालय में बैठना काफी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि कोयला का धूल बच्चों के भोजन के थाली तक पहुंच जाता है| रोसाईयो को खाना बनाने में भी काफी परेशानी होती है| उन्होंने कहा कि कोयला धूल कण के कारण कई तरह की जानलेवा बीमारी होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वही विद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मिल्की सेदेक मरांडी ने बताया कि जब से विद्यालय के सामने गतिरोधक ब्रेकर बना है तब से कोयला की धूल अधिक मात्रा में विद्यालय भवन के अंदर क्लास रूम तक घुस जाती है, इससे बच्चों और शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| उन्होंने आगे बताया कि कोयला कंपनी के द्वारा पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है, जिस कारण धूल विद्यालय के साथ-साथ छतरचुआं गांव के अन्य घरों में भी घुस जाता है।
उन्होंने स्थानीय प्रशासन से विद्यालय के सामने लगे ब्रेकर को हटाने की मांग की है। इसके लिए आला अधिकारी को भी लिखित आवेदन दिया गया है।



