कप्सियो गांव के किसानों की मेहनत पर पानी, झुलसा रोग की चपेट में आने से धान की दो सौ एकड़ में लगी फसल नष्ट* 

*कप्सियो गांव के किसानों की मेहनत पर पानी, झुलसा रोग की चपेट में आने से धान की दो सौ एकड़ में लगी फसल नष्ट*

 

*मसलिया(दुमका)*

 

मसलिया प्रखंड के बड़ा डुमरिया पंचायत अंतर्गत कप्सियो गांव में इन दिनों किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। खेतों में पककर तैयार धान की फसल अचानक झुलसा रोग की चपेट में आने से बर्बाद हो रही है। करीब दो सौ एकड़ से अधिक क्षेत्र में फसलों पर इसका असर देखा जा रहा है।

 

यह रोग इतनी तेजी से फैल रहा है कि एक बार किसी खेत में लगने पर दो-तीन दिनों में पूरा प्लाट बर्बाद कर दे रहा है। किसानों के अनुसार, इस साल अच्छी बारिश और फसल की बढ़िया स्थिति को देखकर सभी ने उम्मीद की थी कि भरपूर पैदावार होगी, लेकिन अब खेतों में सिर्फ सूखी और पीली पत्तियाँ रह गई हैं। कृषक मित्र श्रीकृष्ण कुमार महतो व प्रदीप कुमार ने बताया कि यह झुलसा रोग दाद की तरह फैलता जा रहा है। शुरू में कुछ पौधे पीले होकर नीचे से सूख जाते हैं, फिर धीरे-धीरे पूरा खेत भूरे रंग का दिखने लगता है। पौधे के तने के शुरुआती हिस्से को यह रोग डैमेज कर देता है, जिससे पूरी फसल सड़ जाती है। किसानों ने बताया कि कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है।

प्रदीप महतो (2 एकड़), राजकुमार महतो (1 एकड़), श्रीकृष्ण महतो (2 एकड़), सुमन महतो (1.2 एकड़), हरिमोहन महतो (1 एकड़), अनुरुद्ध महतो (2.5 एकड़), प्रियतम महतो (3 एकड़), श्यामसुंदर महतो (1.2 एकड़), अजित कुमार महतो (1.2 एकड़), राजेन्द्र महतो (2 एकड़), रामविलास कुमार महतो (2 एकड़) और अवधेश कुमार महतो (1 एकड़) जैसे किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं।

 

किसान अजित महतो ने कहा कि कड़ी मेहनत और पूंजी लगाकर खेती की थी ताकि परिवार का सालभर का भोजन निकल सके, लेकिन झुलसा रोग ने सब कुछ तबाह कर दिया। प्रशासन की ओर से मदद नहीं मिली तो सड़कों पर उतरने को विवश होंगे। वहीं किसान अजित महतो ने विभाग की उदासीनता पर नाराजगी जताई और कहा कि इतनी बड़ी बर्बादी के बावजूद अब तक कोई पहल नहीं हुई।

कृषक मित्र प्रदीप महतो ने बताया कि लगातार हुई बारिश के कारण यह रोग तेजी से फैला है। उन्होंने कहा कि दवाई का छिड़काव किया गया लेकिन असर नहीं दिख रहा, फसल बचाना मुश्किल होता जा रहा है।

किसान रामविलास कुमार महतो ने कहा कि अगर रोकथाम जल्द नहीं हुई तो अन्नदाता खुद अन्न के लिए तरस जाएंगे। यहां तक कि आत्महत्या के लिए विवश हो सकते हैं।

प्रियम कुमार महतो का कहना है कि धान की फसल नष्ट हुई, इससे अधिक यह दिक्कत होगी की दुधारू पशुओं का चारा भी खत्म हो रहा है जिससे समस्या और भी गंभीर होने वाली है।

इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी निशा कुल्लू ने बताया कि इस वर्ष अत्यधिक वर्षा के कारण संकरण किस्म के धान पर झुलसा रोग पूरे जिले में कमोबेश फैला है। इसके नियंत्रण के लिए प्रखंडों के एटिक भवन में दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिन्हें शीघ्र किसानों तक पहुँचाया जाएगा।

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Author: Em Tv Live

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